
प्रधानमंत्री वन धन योजना – सम्पूर्ण जानकारी, आवेदन फॉर्म 2020 (PM Van Dhan Yojana,PMVDY)
नमस्कार मेरे प्यारे दोस्तों आज हम फिर आपके लिए एक योजना की जानकारी लेकर आए है जिसका नाम है प्रधानमंत्री वन धन योजना। आज हम इस योजना के बारे में आपको बिस्तार से बताये गें। इसमें हम आपको इससे होने बाले लाभ तथा इसे कैसे ऑनलाइन आवेदन करना है बो सारा आपको बताये गें। तो हमरे इस आर्टिकल को अच्छी तरह पूरा पढ़े। इसके लाभ और ऑनलाइन आवेदन फॉर्म 2020 के बारे में जाने।
हमारे प्यारे देशवासियों केंद्र सरकार और राज्य सरकार हमारे लिए बहुत सी योजनाएँ निकालती हैं जिसमें से एक है वन धन योजना, जो हमारे देश के आदिवासी वर्ग के लिए बनाई गयी हैं अतः आदिवासी वर्ग को आर्थिक रूप से कुशल और शिक्षित बनाना है।देश का हर नागरिक और वर्ग के लोग तरक्की करें इसके लिए सरकार बहुत सारी योजनाएँ निकालती रहती है, ऐसी ही योजनाओं में से एक है जो बाबा भीमराब अम्वेडकर के जन्मदिवस के दिन शुरू की गई है यानि 14 April को शुरू कर दी गई, जिसका नाम वन धन योजना है, यह योजना थोड़े समय पहले ही जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा शुरू की गई है, इस योजना के ज़रिए आदिवासी आय को बढ़ावा देना और आदिवासी समाज को विकास का नया रास्ता दिखाना है।
हमारे इस लेख को पढ़ कर आप इस योजना से सम्भदित साड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं हमारे इस लेख को अन्त तक ज़रूर पढ़े।
-जैसे की आप जानते है की हमारे देश के कुछ वर्ग आज भी थोड़े से आमदनी से ही अपना घर खर्च और परिवार का पालन पोषण करते हैं इन्ही में से एक वर्ग आदिवासियों का भी है आदिवासी अक्सर वनों में उगाई जाने वाली चीजों का सही मूल्य नहीं ले पाते क्योंकि बहा के लोग इतने शिक्षित नहीं हैं इन लोगों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए सरकार ने इस योजना को शुरू किया है इस योजना के जरिये आदिवासी वर्ग को शिक्षित किया जाएगा , उन्हें विभिन प्रकार की जानकारी और ट्रेनिंग दी जाएगी जो वन धन से रिलेटेड होगी, इस योजना में उन्हें कलोंजी की साफ़ सफाई, महुए भंडारण आदि की ट्रेनिंग दी जाएगी, इससे ना केवल लोग शिक्षित होंगे और कुशल होंगे बल्कि उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी, वन धन योजना से आदिवासी वर्ग का विकास होगा साथ ही साथ वनों का पूरी तरह उपयोग भी किया जाएगा, इससे सरकार को ज्यादा टैक्स की प्राप्ति भी होगी।
जन धन योजना में लोगों के समूह बनाये जाएंगे हर समूह में करीब 30 जनजातीय संग्रहकर्ता शामिल होंगे, इन योजनाओं का संग्रह प्रबंदन समिति द्वारा किया जाएगा।
वन धन योजना के उद्देश्य
- वन धन योजना के जरिए आदिवासी लोगों की आर्थिक सहायता होगी और उनके जीवन यापन को पहले से बेहतर बनाना है।
- आदिवासी के द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को बेहतर बनाना और उचित मूल्य में बेचना है, ताकि उनकी आय ज्यादा हो सके।
- वन धन योजना में एक ज़िले में 300 से ज्यादा जनजाति के लोगों के लिए ट्रेनिंग सेंटर खोले गए हैं, इससे उन्हें आर्थिक रूप से मदद देना भी है।
- जो बाज़ार में उत्पादों की कीमतों में उतार चढ़ाव होता है उसके लिए TRIFED कृषि मंत्रालय से बात करके उनके मुआबजा देना है।
- वन धन योजना के माध्यम से हर जिले में 14 केंद्र स्थापित करना और प्रत्येक पंचायत में 20 लोगों का समूह स्थापित करना एक लक्ष्य है।
- इस योजना के जरिये जो लोग ट्रेनिंग ले रहे हैं उन्हें उचित ट्रेनिंग देना ताकि वो अपने काम को अच्छे से कर सकें।
देश के राज्य जिनमें आदिवासी हैं
हिमाचल प्रदेश, जम्मू एंड कश्मीर, असम, बिहार, गोवा, गुजरात, आंध्रप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, दमन, दादर, दीव, पुंडुचेरी, लक्षद्वीप, नगरहवेली, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, मणिपुर, मेघालय,मिंजोरम, नागालैंड, ओडिसा, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल।
प्रधानमंत्री वन धन योजना के लाभ
- इस योजना के ज़रिए युवाओं की कार्य कुशलता पहले से काफ़ी अच्छी होगी, और आदिवासी क्षेत्र का विकास होग।
- इस योजना के जरिये काम करने के बाद आदिवासी मूल की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी और उनका विकास होगा।
- इस योजना में लाभर्थियों को केंद्र सरकार के ज़रिए इमली, कलोंजी की सफाई, अन्य माइनर फारेस्ट उत्पाद जैसे शहद , ब्रशबूड और अनेक तरह की पायी जाने वाली जड़ी बूटियाँ आदि इनका रख रखाव और मार्केटिंग के ट्रेनिंग दी जाएगी।
- आदिवासी क्षेत्र में रहने के लिए लघु उत्पादन ही एक ज़रिया है, इस योजना के ज़रिए उन्हें नए उत्पाद का उत्प्नन करने का मौका मिलेगा।

वन धन योजना के लिए आवेदन
- वन धन योजना के लिए आवेदन आप दो तरीकों से क्र सकते है, पहला ऑनलाइन और दूसरा ऑफलाइन।
- ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आपको सबसे पहले वन धन योजना की आधिकारिक साइट और ऑफिसियल साइट पर जाना होगा इस वेबसाइट पर आपको योजना से सम्धित सारी जानकारी मिल जाएगी।
- यह योजना केंद्र सरकार द्वारा कई अधिकारीयों सहित करवा रही है जिससे उनको खुद आदिवासी क्षेत्र में जाकर आदिवासी वर्ग से बात करनी होगी और इस योजना का लाभ उठाना होगा।
केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई वन धन योजना में आदिवासीयों के लिए आजीविका का सृजन करने की एक पहल है, इस योजना से प्रौद्योगिकी और आईटी से जोड़ना और योजना को बढ़ावा देना है, इस योजना से एक वर्ष में लगभग 45 लाख आदिवासी लोगों को आजीविका प्रदान करना है।
इस स्कीम का संचालन Trifed द्वारा किया जा रहा है, सबसे पहले वन धन योजना में सेंटर्स खोले जाएंगे, इसके आलावा ओर ज़रूरत पड़ी तो और नए सेंटर खोले जाएंगे।
देश के सभी आदिवासी वर्ग को इस योजना का लाभ मिलेगा।